School Summer Vacation – बिहार के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के लिए एक राहत की खबर है। भीषण गर्मी से जूझ रहे छात्रों को अब 2 जून 2025 से गर्मी की छुट्टियों की सौगात मिलने जा रही है। शिक्षा विभाग ने पहले से ही अवकाश का शेड्यूल तय कर रखा था, लेकिन अब इसे अधिकारिक रूप से लागू कर दिया गया है। बिहार सरकार ने 2 जून से लेकर 21 जून 2025 तक स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया है। इस दौरान न तो कक्षाएं लगेंगी और न ही बच्चों या शिक्षकों को स्कूल आने की जरूरत होगी। लेकिन अगर आप सोच रहे हैं कि सभी स्कूल स्टाफ को छुट्टी मिलेगी, तो ज़रा रुकिए, क्योंकि हेडमास्टर साहब की ड्यूटी यथावत जारी रहेगी।
छात्रों और शिक्षकों को छुट्टी, लेकिन हेडमास्टर को डेली रिपोर्टिंग करनी होगी
बच्चों के लिए गर्मी की राहत भरी छुट्टियां हैं, लेकिन स्कूल के प्रधानाध्यापक यानी हेडमास्टर के लिए ये पूरी तरह छुट्टी नहीं मानी जाएगी। शिक्षा विभाग के निर्देश के मुताबिक, स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति तो नहीं होगी, लेकिन प्रधानाध्यापक को हर दिन स्कूल में आना अनिवार्य होगा। उनका काम सिर्फ स्कूल की निगरानी करना नहीं होगा, बल्कि छुट्टियों के दौरान जो भी प्रशासनिक कार्य हैं, उनका निपटारा करना, स्कूल के दस्तावेजों का निरीक्षण करना और वित्तीय मामलों की देखरेख करना भी उनकी जिम्मेदारी होगी।
प्रशासनिक काम और इमरजेंसी ड्यूटी भी रहेगी हेडमास्टर की जिम्मेदारी
जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से साफ कहा गया है कि गर्मी की छुट्टियों में भी प्रधानाध्यापक को स्कूल में उपस्थित रहकर यह सुनिश्चित करना होगा कि सरकारी आदेशों का पालन हो रहा है या नहीं। इसके अलावा, अगर किसी स्कूल में कोई इमरजेंसी या विशेष परिस्थिति उत्पन्न होती है, तो हेडमास्टर जरूरत पड़ने पर अन्य शिक्षकों को भी सहायता के लिए बुला सकते हैं। यानी छुट्टियां बच्चों और शिक्षकों के लिए हैं, लेकिन स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक के कंधों पर बनी रहेगी।
23 जून से फिर से खुलेंगे स्कूल, शुरू होंगी नियमित कक्षाएं
अब बात करें इस छुट्टी के शेड्यूल की तो 2 जून से 21 जून तक कुल 20 दिन की छुट्टी होगी, जिसमें 10 जून को ईद-उल-अधा और कबीर जयंती जैसे बड़े त्योहार भी शामिल हैं। इसके बाद 22 जून को रविवार पड़ रहा है, जिससे स्वाभाविक तौर पर स्कूल 23 जून से दोबारा खुलेंगे। यानि सोमवार से फिर से पढ़ाई-लिखाई की गाड़ी पटरी पर लौटेगी और छात्र-शिक्षक दोनों अपनी नियमित दिनचर्या में वापस आ जाएंगे।
छुट्टियों में भी जारी रहेगी पढ़ाई
छुट्टियों का मतलब ये नहीं कि बच्चों को पढ़ाई से पूरी तरह ब्रेक मिल रहा है। शिक्षा विभाग ने इस बार कुछ खास पहल की है ताकि छात्र छुट्टियों में भी शैक्षणिक रूप से जुड़े रहें। कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को व्यावहारिक असाइनमेंट दिए गए हैं, जो न केवल पढ़ाई से जोड़ेंगे बल्कि उन्हें रोज़मर्रा की चीजों को समझने का मौका भी देंगे। जैसे बच्चों को किसानों का इंटरव्यू लेना है, दही बनाने की प्रक्रिया को समझना है, या फिर परिवार के मासिक बजट को समझने जैसी गतिविधियों में शामिल होना है। इसका उद्देश्य यही है कि छुट्टियों में भी पढ़ाई का सिलसिला बना रहे, लेकिन थोड़ा अलग अंदाज़ में।
गणित में कमजोर बच्चों के लिए समर कैंप का आयोजन
वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग ने उन बच्चों के लिए भी खास व्यवस्था की है जो गणित में थोड़ा कमजोर हैं। उनके लिए ‘गणितीय समर कैंप’ की शुरुआत 21 मई से ही कर दी गई है, जो 20 जून तक चलेगा। ये कैंप खासतौर पर कक्षा 5 और 6 के बच्चों के लिए आयोजित किया गया है। इसमें स्वयंसेवी शिक्षक सुबह या शाम को दो घंटे की क्लास लेंगे जिसमें गणित और विज्ञान को रचनात्मक ढंग से पढ़ाया जाएगा। इससे बच्चों की समझ और आत्मविश्वास दोनों में इजाफा होगा।
छुट्टियों की योजना के पीछे शिक्षा विभाग का दोहरा उद्देश्य
कुल मिलाकर शिक्षा विभाग की इस अवकाश योजना का मकसद दोहरा है – एक तरफ बच्चों को भीषण गर्मी से राहत दिलाना और दूसरी तरफ स्कूल प्रशासनिक कामकाज में कोई रुकावट न आए, इसका ख्याल रखना। साथ ही, जो छात्र पढ़ाई में कमजोर हैं, उन्हें समर कैंप के ज़रिए सपोर्ट देना भी इस योजना का अहम हिस्सा है। इससे उम्मीद की जा रही है कि बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार होगा और छुट्टियों के बाद वे नई ऊर्जा के साथ स्कूल लौटेंगे।
Disclaimer
इस लेख में दी गई जानकारी शिक्षा विभाग बिहार द्वारा जारी निर्देशों और स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। योजनाओं या तिथियों में किसी प्रकार के बदलाव की स्थिति में, कृपया संबंधित आधिकारिक स्रोत से पुष्टि अवश्य करें। लेख का उद्देश्य केवल जानकारी देना है, इसे आधिकारिक आदेश न समझें।