Railway New Rule – अगर आप ट्रेन से यात्रा करते हैं, तो आपके लिए यह खबर बेहद जरूरी है। जून महीने से रेलवे ने कुछ अहम नियमों में बदलाव किए हैं, जिनका सीधा असर आम यात्रियों पर पड़ेगा। ये बदलाव न सिर्फ आपकी जेब पर असर डालेंगे बल्कि यात्रा के तरीके और सुविधा में भी फर्क आएगा। रेलवे का कहना है कि इन नए नियमों का मकसद यात्रियों की सुविधा बढ़ाना और सिस्टम को और ज्यादा पारदर्शी और अनुशासित बनाना है। आइए जानते हैं रेलवे ने कौन-कौन से बदलाव किए हैं और इनका असर आम लोगों पर कैसे पड़ेगा।
वेटिंग टिकट वालों की अब स्लीपर या एसी कोच में नहीं होगी एंट्री
रेलवे ने सबसे बड़ा बदलाव वेटिंग लिस्ट वाले टिकट को लेकर किया है। अब जिन यात्रियों का टिकट वेटिंग में रहेगा, उन्हें स्लीपर या एसी कोच में यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसका मतलब साफ है कि अगर आपका टिकट कंफर्म नहीं हुआ है, तो आप केवल जनरल डिब्बे यानी सामान डिब्बे में ही सफर कर पाएंगे। पहले कई लोग वेटिंग टिकट के सहारे स्लीपर या एसी कोच में बैठ जाते थे, जिससे कंफर्म टिकट वालों को काफी परेशानी होती थी। अब रेलवे ने इस गड़बड़ी को रोकने के लिए यह सख्त कदम उठाया है।
इतना ही नहीं, अगर कोई व्यक्ति जबरदस्ती स्लीपर या एसी कोच में घुसने की कोशिश करता है, तो उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यानी अब ट्रेन में टिकट को लेकर लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं बची है।
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तत्काल टिकट के नियमों में भी बदलाव
तत्काल टिकट बुक करना अब पहले जितना आसान नहीं रहेगा। रेलवे ने इस प्रक्रिया में भी कुछ अहम बदलाव किए हैं। सबसे पहले तो अब तत्काल टिकट बुक करने के लिए आधार कार्ड का वेरिफिकेशन जरूरी कर दिया गया है। यानी अब कोई भी व्यक्ति फर्जी पहचान से तत्काल टिकट नहीं ले पाएगा।
इसके अलावा अगर आपने तत्काल टिकट लिया है और किसी कारणवश उसे कैंसिल करना पड़ता है, तो अब उस पर कोई रिफंड नहीं मिलेगा। पहले कुछ चार्ज कटकर पैसे वापस आ जाते थे लेकिन अब रेलवे ने साफ कर दिया है कि कंफर्म तत्काल टिकट पर कैंसिलेशन के बाद कोई रकम नहीं दी जाएगी। यह नियम उन लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है जो आखिरी वक्त में प्लान चेंज कर देते हैं।
टिकट बुकिंग की समयसीमा घटाई गई
एक और बड़ा बदलाव टिकट बुकिंग की समयसीमा को लेकर किया गया है। पहले एडवांस टिकट बुकिंग की समयसीमा 120 दिन यानी करीब 4 महीने हुआ करती थी। लेकिन अब रेलवे ने इसे घटाकर केवल 60 दिन कर दिया है। इसका मतलब है कि अब आप ट्रेन यात्रा के लिए सिर्फ दो महीने पहले ही टिकट बुक कर पाएंगे।
रेलवे का कहना है कि इससे ब्लैक मार्केटिंग और बिचौलियों की दखलअंदाजी कम होगी, क्योंकि लंबी अवधि की बुकिंग में अधिकतर टिकट एजेंट ही पहले से बुक कर लेते थे और बाद में ऊंचे दामों पर बेचते थे।
साधुओं और धार्मिक यात्रियों के लिए नई गाइडलाइन
रेलवे ने धार्मिक यात्राओं को लेकर भी एक नया नियम लागू किया है। अब किसी भी संत, बाबा या साधु को ट्रेन छूटने के 30 मिनट पहले तक टिकट बुक करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि आम लोगों को टिकट मिलने की ज्यादा संभावना रहे और आखिरी वक्त में फर्जी बुकिंग या टिकट की हेरा-फेरी को रोका जा सके।
रेलवे का कहना है कि यह कदम पारदर्शिता और ईमानदारी बनाए रखने के लिए है, ताकि हर व्यक्ति को उसकी सही पहचान और हक के अनुसार टिकट मिल सके।
यात्रियों को कैसे होगा फायदा?
इन सभी बदलावों का मकसद यात्रियों को ज्यादा सुविधाएं देना और टिकट व्यवस्था को दुरुस्त करना है। हालांकि, शुरू में लोगों को कुछ परेशानियां हो सकती हैं, लेकिन लंबे समय में इससे फर्जीवाड़ा कम होगा और जिनके पास सही टिकट है, उन्हें सीट भी मिलेगी और सुकून से यात्रा करने का मौका भी।
Disclaimer
ऊपर दी गई जानकारी विभिन्न न्यूज़ रिपोर्ट्स और रेलवे से जुड़े अपडेट्स पर आधारित है। नियमों में समय-समय पर बदलाव किए जा सकते हैं, इसलिए यात्रा से पहले रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या ऐप से जानकारी जरूर चेक कर लें। किसी भी तरह की योजना बनाने से पहले संबंधित विभाग की पुष्टि लेना जरूरी है।