Property Selling Tips – भारत में ज्यादातर लोग प्रॉपर्टी को निवेश के तौर पर खरीदते हैं, लेकिन जब उसे बेचने की बारी आती है, तो ये काम उतना आसान नहीं होता जितना लोग समझते हैं। सही खरीदार मिलना, सही दाम पर सौदा होना और उसमें कोई कानूनी झंझट न आना – ये सब किसी चैलेंज से कम नहीं है। इसलिए अगर आप भी प्रॉपर्टी बेचने की सोच रहे हैं, तो ये काम वक्त रहते कर लेना ही समझदारी है।
प्रॉपर्टी बेचने से पहले एक्सपर्ट की राय क्यों जरूरी है?
रियल एस्टेट एक्सपर्ट प्रदीप मिश्रा बताते हैं कि प्रॉपर्टी बेचने से पहले अगर आप थोड़ी तैयारी कर लें, तो प्रॉपर्टी जल्दी बिकती है और कीमत भी अच्छी मिलती है। सिर्फ डॉक्युमेंट पूरे करने से काम नहीं चलता, बल्कि घर की हालत सुधारना, मार्केट का अंदाज़ा लगाना और सही प्रजेंटेशन भी बहुत जरूरी है। जब तक खरीदार को पहली नजर में आपकी प्रॉपर्टी पसंद न आ जाए, तब तक सौदा आगे बढ़ पाना मुश्किल है।
घर की हालत का पूरा निरीक्षण कर लें
जब भी कोई खरीदार आपके घर को देखने आता है, तो वो सबसे पहले घर की फिजिकल कंडीशन को नोटिस करता है। अगर दीवारों पर सीलन या फफूंदी दिखे, नल टपक रहे हों, स्विच खराब हों या दरवाजे-खिड़कियां टेढ़ी हों, तो खरीदार का मन वहीं खराब हो जाएगा। छोटे-छोटे डिफेक्ट्स प्रॉपर्टी की इमेज खराब कर देते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर आप 5-10 हजार रुपये खर्च कर ये छोटी मरम्मत करवा दें, तो आपकी प्रॉपर्टी की वैल्यू लाखों में बढ़ सकती है। इसलिए घर बेचने से पहले एक बार खुद से अच्छी तरह जांच लें कि कहीं कोई तकनीकी खामी तो नहीं है।
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दस्तावेज़ पूरे रखना बेहद जरूरी है
जब कोई खरीदार प्रॉपर्टी खरीदने आता है, तो सबसे पहले वो कागज़ात मांगता है। इसलिए आपको अपनी प्रॉपर्टी के सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स पहले से तैयार रखने चाहिए। इनमें टाइटल डीड, सेल डीड, एनओसी और प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदें शामिल हैं। अगर प्रॉपर्टी पर कोई लोन चल रहा है, तो इनकम्ब्रेंस सर्टिफिकेट भी बहुत जरूरी होता है। इसके अलावा अगर प्रॉपर्टी किसी अपार्टमेंट में है, तो ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट यानी OC भी जरूरी है। सभी डॉक्युमेंट्स एक बार किसी कानूनी सलाहकार या वकील से जांचवा लेना अच्छा रहता है ताकि बाद में किसी विवाद की गुंजाइश न रहे।
घर को बनाएं आकर्षक और खरीदार के लायक
कहते हैं ‘First Impression is the Last Impression’, और ये बात घर बेचते वक्त भी उतनी ही सच होती है। अगर घर में सफाई नहीं है, सामान बिखरा हुआ है या पेंट उखड़ा हुआ है, तो खरीदार का मूड तुरंत खराब हो जाएगा। इसलिए कोशिश करें कि घर की अच्छी तरह सफाई हो, पुराने फर्नीचर को हटा दिया जाए और दीवारों पर एक ताजा हल्का रंग – जैसे सफेद या क्रीम – करवा लिया जाए। इससे घर बड़ा और फ्रेश दिखता है। अगर घर खाली है, तो बेसिक फर्नीचर या डेकोरेशन से उसे थोड़ा जीवंत बना सकते हैं ताकि खरीदार को कल्पना करने में आसानी हो।
थोड़ा खर्च, बड़ा फायदा
कई बार लोग मरम्मत के नाम पर पैसे बचाने की कोशिश करते हैं, लेकिन यही बाद में नुकसान का कारण बनता है। पुराने नल, ढीले स्विच या टेढ़े दरवाजे किसी को भी अनकंफर्टेबल कर सकते हैं। इसलिए थोड़ी-सी मरम्मत पर किया गया खर्च आपको ज्यादा रिटर्न दिला सकता है। इससे खरीदार को लगेगा कि घर तुरंत रहने लायक है और उसका भरोसा बढ़ेगा।
प्रॉपर्टी की सही कीमत लगाना है सबसे अहम
बहुत से लोग अपनी प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ा-चढ़ाकर तय करते हैं और फिर महीनों तक खरीदार का इंतजार करते हैं। सही प्राइस तय करने के लिए जरूरी है कि आप अपने इलाके की दूसरी प्रॉपर्टीज़ के रेट्स जानें। इसके लिए किसी रियल एस्टेट एजेंट या वैल्यूएटर की मदद लें और ऑनलाइन पोर्टल्स जैसे Magicbricks या 99acres पर चेक करें। गलत या बहुत ज्यादा प्राइस लगाने से आपकी प्रॉपर्टी बाजार में पिछड़ सकती है।
ऑनलाइन लिस्टिंग से मिलेगा बेहतर रिस्पॉन्स
आज के डिजिटल जमाने में लोग घर बैठे ही प्रॉपर्टी देखना पसंद करते हैं। ऐसे में ऑनलाइन लिस्टिंग बेहद जरूरी है। दिन की अच्छी रौशनी में घर की बढ़िया फोटोज़ लें और अगर संभव हो तो एक वीडियो भी शूट करें जिसमें रूम्स और उनका लेआउट साफ दिखे। इन फोटोज़ और वीडियो को लोकप्रिय प्रॉपर्टी पोर्टल्स पर डालें ताकि आपकी प्रॉपर्टी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी कानूनी, वित्तीय या प्रॉपर्टी लेन-देन से पहले योग्य विशेषज्ञ या कानूनी सलाहकार की राय लेना जरूरी है। लेखक या प्लेटफ़ॉर्म किसी भी प्रकार की हानि या विवाद के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।
