Petrol Diesel Rate – हर बार जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हलचल होती है, तो आम आदमी की चिंता बढ़ जाती है। चाहे दफ्तर आना-जाना हो या घर का मासिक बजट, पेट्रोल-डीजल की कीमतें हर किसी की जेब पर असर डालती हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर खबरें वायरल हुईं कि पेट्रोल-डीजल के दामों में बड़ी गिरावट आई है। लेकिन असल में क्या ऐसा हुआ है? आइए जानते हैं सच क्या है और आपके शहर में कीमतों में कितना फर्क पड़ा है।
क्या सच में आई है कीमतों में गिरावट?
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में थोड़ी गिरावट जरूर आई है, जिससे लोगों को उम्मीद थी कि घरेलू बाजार में भी पेट्रोल-डीजल के दाम कम होंगे। हालांकि सच्चाई यह है कि भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पिछले कुछ महीनों से कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। मार्च 2024 में करीब 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती जरूर हुई थी, लेकिन उसके बाद से कीमतें लगभग स्थिर बनी हुई हैं। यानी “बड़ी राहत” की बात अब तक सिर्फ खबरों तक ही सीमित रही है।
आपके शहर में पेट्रोल-डीजल कितने के मिल रहे हैं?
अगर हम देश के बड़े शहरों की बात करें तो दिल्ली में पेट्रोल ₹94.72 और डीजल ₹87.62 प्रति लीटर मिल रहा है। वहीं मुंबई में पेट्रोल ₹104.21 और डीजल ₹92.15 प्रति लीटर है। हैदराबाद में पेट्रोल सबसे महंगा ₹107.46 प्रति लीटर मिल रहा है जबकि डीजल के मामले में चंडीगढ़ सबसे सस्ता शहर है, जहां इसकी कीमत ₹82.45 प्रति लीटर है। लखनऊ, जयपुर, बेंगलुरु, पटना जैसे शहरों में भी कीमतों में कोई खास अंतर नहीं देखा गया है। थोड़ा बहुत फर्क राज्य सरकारों के टैक्स और स्थानीय कारणों की वजह से होता है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतें आखिर तय कैसे होती हैं?
ये कीमतें सिर्फ कच्चे तेल पर निर्भर नहीं करतीं। सबसे पहले तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की दरें देखी जाती हैं। भारत करीब 85% कच्चा तेल आयात करता है, जिसकी खरीद डॉलर में होती है। अगर डॉलर महंगा या रुपया कमजोर हो, तो इसका सीधा असर कीमतों पर पड़ता है। इसके अलावा केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी लगाती है और राज्य सरकार वैट, जिससे कीमतें और बढ़ जाती हैं। तेल कंपनियां भी अपने मार्जिन के हिसाब से दाम तय करती हैं। इसके ऊपर ट्रांसपोर्टेशन का खर्च और डीलर का कमीशन भी जोड़ दिया जाता है।
क्यों नहीं मिल रहा सस्ता तेल आम जनता को?
अब सवाल यह उठता है कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल सस्ता हुआ है, तो भारत में इसका फायदा क्यों नहीं दिख रहा। इसका जवाब भी सीधा है – रुपये की कमजोरी, भारी टैक्स और तेल कंपनियों की पुरानी हानियों की भरपाई। मार्च 2024 के बाद से कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है क्योंकि सरकार टैक्स घटाने के मूड में नहीं दिख रही और तेल कंपनियां घाटे की भरपाई कर रही हैं। इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे वैश्विक कारणों से भी बाजार में अनिश्चितता बनी रहती है।
कीमतों में गिरावट से फायदा किसे होता है?
अगर पेट्रोल-डीजल सस्ता हो, तो इसका सीधा फायदा आम आदमी को मिलता है। ट्रांसपोर्ट खर्च कम होता है, जिससे सब्जी, दूध, फल जैसी चीजें सस्ती होती हैं और महंगाई पर कंट्रोल आता है। छोटे व्यापारी और उद्योगों की प्रोडक्शन लागत भी कम होती है जिससे कारोबार बढ़ता है। देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती है क्योंकि व्यापार घाटा घटता है और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आती है। लेकिन जब कीमतें स्थिर बनी रहती हैं, तो ये फायदे सिर्फ कल्पना बनकर रह जाते हैं।
अपने शहर का ताजा रेट कैसे जानें?
अगर आप जानना चाहते हैं कि आज आपके शहर में पेट्रोल-डीजल के रेट क्या हैं, तो इसके लिए SMS सबसे आसान तरीका है। इंडियन ऑयल के ग्राहक “RSP <स्पेस> सिटी कोड” 9224992249 पर भेज सकते हैं। BPCL ग्राहक 9223112222 और HPCL ग्राहक 9222201122 पर SMS भेज सकते हैं। इसके अलावा तेल कंपनियों की वेबसाइट या ऐप पर जाकर भी आप ताजा रेट देख सकते हैं।
कुल मिलाकर अगर कहा जाए तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में ‘बड़ी गिरावट’ की बातें काफी हद तक अफवाह ही लगती हैं। जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जरूर दामों में गिरावट आई है, वहीं भारत में टैक्स और अन्य आर्थिक कारणों के चलते इसका फायदा आम जनता तक नहीं पहुंच पाया है। फिलहाल सरकार या तेल कंपनियों की तरफ से किसी बड़े बदलाव की घोषणा नहीं हुई है, इसलिए जनता को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।
Disclaimer
यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है और इसमें दी गई कीमतें और आंकड़े लेखन के समय के अनुसार हैं। किसी भी प्रकार की योजना या निर्णय लेने से पहले संबंधित सरकारी वेबसाइट या आधिकारिक स्रोत से जानकारी की पुष्टि अवश्य करें।