Online Property Registration – अगर आपने कभी ज़मीन या मकान की रजिस्ट्री कराई है, तो आप जानते होंगे कि यह कितना लंबा, पेचीदा और झंझट भरा काम होता है। लेकिन अब आपकी ये परेशानी खत्म होने वाली है, क्योंकि सरकार ने 117 साल पुराने कानून को हटाकर Online Property Registration Act 2025 लागू करने का फैसला किया है। इसका मतलब – अब ज़मीन की रजिस्ट्री पूरी तरह ऑनलाइन होगी, वो भी सिर्फ 3 आसान स्टेप में!
क्या है नया कानून?
अब तक भारत में Registration Act 1908 लागू था, जो ज़मीन की रजिस्ट्री के मामलों को देखता था। लेकिन यह कानून बहुत पुराना था और इसमें एजेंट्स का बोलबाला, भारी कागजी काम, और भ्रष्टाचार जैसी कई खामियां थीं। इन्हीं दिक्कतों को खत्म करने के लिए सरकार ने नया कानून लाया है जो डिजिटल, तेज और पारदर्शी है।
रजिस्ट्री का नया प्रोसेस – बस 3 स्टेप!
अब आपको बस ये तीन काम करने हैं और आपकी रजिस्ट्री हो जाएगी:
- ऑनलाइन आवेदन भरें – सरकारी पोर्टल पर जाकर सभी जानकारी भरें।
- जरूरी दस्तावेज अपलोड करें – जैसे पहचान पत्र, विक्रय अनुबंध, ज़मीन के कागज़ आदि।
- फीस भरें और वेरिफिकेशन कराएं – UPI/Net Banking से पेमेंट करें, फिर आधार और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन पूरा करें।
इसके बाद आपको एक डिजिटल रजिस्ट्री सर्टिफिकेट मिलेगा, जिसे आप कभी भी डाउनलोड करके इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्या-क्या बदला है?
अब न रजिस्ट्रार ऑफिस जाना पड़ेगा, न किसी एजेंट को ढूंढना पड़ेगा। बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए अब हर रजिस्ट्री पूरी तरह सुरक्षित होगी। साथ ही आपको मिलेगा डिजिटल हस्ताक्षर और रियल-टाइम ट्रैकिंग की सुविधा।
कौन-कौन से दस्तावेज चाहिए?
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए आपको ये डॉक्यूमेंट्स चाहिए होंगे:
- विक्रय अनुबंध (Agreement to Sell)
- पहचान पत्र (आधार, पैन)
- भूमि रिकॉर्ड (खसरा, खतौनी)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक डिटेल्स (रिफंड या सब्सिडी के लिए)
- स्टांप ड्यूटी रसीद
- अगर लागू हो तो पावर ऑफ अटॉर्नी
स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस
- पोर्टल पर लॉगिन करें और फॉर्म भरें
- सभी डॉक्यूमेंट स्कैन करके अपलोड करें
- फीस भरें
- आधार और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करें
- वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए सत्यापन
- डिजिटल हस्ताक्षर करें
- सर्टिफिकेट डाउनलोड करें
- अपनी स्थिति ऑनलाइन ट्रैक करते रहें
ये होंगे फायदे
अब बुजुर्ग, बीमार या दूर-दराज के लोग भी घर बैठे रजिस्ट्री करा सकेंगे। दलालों और बिचौलियों से छुटकारा मिलेगा और फर्जीवाड़ा पूरी तरह रुकेगा। साथ ही कागज़ी झंझट कम होंगे, समय और पैसे दोनों की बचत होगी।
सरकार ने क्यों उठाया यह कदम?
डिजिटल इंडिया मिशन को आगे बढ़ाने के लिए सरकार अब हर सरकारी प्रक्रिया को तकनीक से जोड़ रही है। प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन जैसा बड़ा और संवेदनशील काम डिजिटल होने से पारदर्शिता बढ़ेगी और विवाद कम होंगे।
कुछ जरूरी सावधानियां
- सिर्फ सरकारी पोर्टल का इस्तेमाल करें, किसी एजेंट या वेबसाइट पर भरोसा न करें
- सभी दस्तावेज सही ढंग से स्कैन करें
- वीडियो वेरिफिकेशन के समय कैमरा और इंटरनेट ठीक रखें
- सर्टिफिकेट को सुरक्षित जगह सेव करके रखें
सरकार का यह कदम बहुत सराहनीय है। इससे न सिर्फ जनता को सुविधा मिलेगी, बल्कि देशभर में ज़मीन से जुड़े घोटालों और भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी। अगर आप जमीन खरीदने की सोच रहे हैं, तो नए नियमों को ध्यान में रखकर ही आगे बढ़ें – और हां, अब सब कुछ ऑनलाइन ही होगा!
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। रजिस्ट्री प्रक्रिया, दस्तावेज़ों की सूची या नियमों में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं। आवेदन करने से पहले सरकारी पोर्टल या संबंधित विभाग से नवीनतम जानकारी ज़रूर लें।