Monsoon Rain Alert – 15 जून से देश में मानसून पूरे जोश में एंट्री लेने वाला है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) की मानें तो इस बार मानसून की चाल थोड़ी तेज़ हो सकती है, जिसकी वजह से शुरुआत के दिनों में ही कई राज्यों में झमाझम बारिश देखने को मिल सकती है। हर साल की तरह इस बार भी जून के मध्य में मानसून उत्तर भारत, मध्य भारत और पूर्वी हिस्सों की तरफ बढ़ता है।
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में 15 जून के आस-पास मानसून पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। अच्छी बात ये है कि इस बार बारिश का पैटर्न थोड़ा बेहतर और जल्दी शुरू होने वाला लग रहा है, जिससे किसानों को तो राहत मिलेगी ही, लेकिन आम लोगों को भी सतर्क रहने की ज़रूरत है।
इन राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट
IMD की ओर से जो अलर्ट जारी किया गया है, उसमें खासतौर से उत्तर भारत, पूर्वी-मध्य भारत और पूर्वोत्तर राज्यों का जिक्र किया गया है। मध्य प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है, वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ के हिस्सों में भी तेज़ बारिश के आसार हैं। पूर्वोत्तर की बात करें तो असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में भी 15 जून के बाद मौसम पूरी तरह बदलने वाला है। यहां तेज़ हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश हो सकती है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
अगर आप उत्तराखंड या हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों में घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं, तो थोड़ा रुक जाइए, क्योंकि मौसम विभाग ने 16 से 18 जून के बीच इन इलाकों में भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी दी है।
किसानों और आम नागरिकों के लिए जरूरी सलाह
बारिश का मौसम भले ही सुकून देता हो, लेकिन अगर समय रहते सावधानी न बरती जाए तो ये परेशानी भी बन सकता है। मौसम विभाग ने किसानों को खासतौर पर सलाह दी है कि वे बारिश से पहले अपने खेतों की तैयारी कर लें। जल निकासी की अच्छी व्यवस्था करें ताकि खेतों में पानी भरने से फसल को नुकसान न पहुंचे। जहां बहुत ज़्यादा बारिश की संभावना है, वहां थोड़े दिन बुवाई को टाल देना ही बेहतर रहेगा। वहीं शहरी लोगों को भी थोड़ी सावधानी रखनी चाहिए।
जब भी भारी बारिश का अलर्ट हो, तो घर से बाहर निकलने से बचें। ट्रैफिक और जलभराव की समस्याएं आम हो जाती हैं, इसलिए गैर-जरूरी यात्रा को टालें और अगर बाहर जाना पड़े तो सुरक्षित रास्ते से ही जाएं। बिजली गिरने के खतरे को भी हल्के में न लें। खुले मैदानों, खेतों या पेड़ों के नीचे खड़े न हों और मोबाइल का इस्तेमाल सतर्कता से करें।
प्रशासन की तैयारियां तेज़
मानसून को लेकर प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क हो चुका है। राज्यों ने जिला स्तर पर कंट्रोल रूम एक्टिव कर दिए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीमें संवेदनशील इलाकों में तैनात कर दी गई हैं और उन्हें अलर्ट पर रखा गया है। नगर निगमों को भी ड्रेनेज सिस्टम की सफाई के निर्देश मिल चुके हैं ताकि जलभराव की समस्या से निपटा जा सके। ग्रामीण इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए भी काम तेज़ी से हो रहा है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि सरकार और प्रशासन दोनों ही पूरी तरह तैयार हैं, बस ज़रूरत है तो आम लोगों के सहयोग की।
तो कुल मिलाकर, 15 जून से शुरू हो रही मानसून की जोरदार बारिश जहां एक तरफ किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है, वहीं दूसरी तरफ आम नागरिकों को भी अलर्ट रहने की ज़रूरत है। खासतौर से उन जिलों में जहां भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, वहां पर सभी सुरक्षा उपाय अपनाना ज़रूरी है। मौसम की हर अपडेट पर नज़र बनाए रखें और प्रशासन की सलाह का पालन करें। थोड़ा सा एहतियात बरतेंगे तो यह मौसम आपके लिए सुकून और राहत दोनों लेकर आएगा।
Disclaimer
इस लेख में दी गई मौसम संबंधी जानकारी भारतीय मौसम विभाग (IMD) के पूर्वानुमान पर आधारित है। मौसम की स्थिति समय-समय पर बदल सकती है, इसलिए किसी भी यात्रा या खेती से जुड़े निर्णय लेने से पहले आधिकारिक स्रोतों से ताजा जानकारी अवश्य प्राप्त करें। लेख का उद्देश्य केवल सूचना देना है, निर्णय लेने की जिम्मेदारी पाठक की होगी।