Loan Prepayment Rules – आजकल लोन लेना एक आम बात हो गई है। चाहे घर खरीदना हो, नई कार लेनी हो या फिर किसी इमरजेंसी में पैसों की जरूरत हो – लोग सबसे पहले बैंक या किसी फाइनेंस कंपनी से लोन लेने का सोचते हैं। लेकिन जब हम अपनी आर्थिक स्थिति सुधरने के बाद उस लोन को तय समय से पहले चुका देते हैं, तो अक्सर यह उम्मीद होती है कि अब बैंक की ओर से कोई और भुगतान नहीं करना होगा। लेकिन यहीं पर झटका लगता है, क्योंकि समय से पहले लोन चुकाने पर बैंक ‘प्रीपेमेंट पेनल्टी’ नाम का चार्ज वसूलते हैं।
समय से पहले लोन चुकाने पर जुर्माना क्यों लगता है?
बैंक कोई भी लोन इस सोच के साथ देते हैं कि उन्हें हर महीने ईएमआई के जरिए ब्याज से आय होती रहेगी। मान लीजिए आपने 5 साल के लिए लोन लिया है, और आप 3 साल में ही पूरा चुका देते हैं, तो बैंक को जो बाकी 2 साल की ब्याज की कमाई होनी थी, वो अब नहीं होगी। इसी घाटे की भरपाई के लिए बैंक प्रीपेमेंट चार्ज या पेनल्टी लगाते हैं। यह जुर्माना आमतौर पर आपके बकाया लोन का कुछ प्रतिशत होता है – जैसे 2% या 3%।
हर लोन पर नहीं लगता प्रीपेमेंट चार्ज
यह जरूरी नहीं कि हर लोन पर यह चार्ज लगे। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने जो लोन लिया है, वह फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर है या फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर।
अगर लोन फिक्स्ड रेट पर है, तो आमतौर पर बैंक प्रीपेमेंट पर चार्ज लगाते हैं। वहीं अगर आपका लोन फ्लोटिंग रेट पर है, तो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को इस पर प्रीपेमेंट पेनल्टी लगाने से मना किया है। यानी फ्लोटिंग रेट लोन पर समय से पहले पूरा भुगतान करने पर कोई जुर्माना नहीं देना होता।
होम लोन पर क्या नियम हैं?
अगर आपने होम लोन लिया है और वह फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर है, तो खुश हो जाइए – आप उस लोन को समय से पहले कभी भी चुका सकते हैं, और कोई भी बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी आपसे प्रीपेमेंट पेनल्टी नहीं मांग सकती।
लेकिन अगर आपका होम लोन फिक्स्ड रेट पर है, तो बैंक या फाइनेंस कंपनी आमतौर पर 2% तक का प्रीपेमेंट चार्ज लगा सकती है। इसीलिए लोन लेते वक्त इस बात को जरूर जांचें कि आपका इंटरेस्ट रेट फिक्स्ड है या फ्लोटिंग।
कार लोन और पर्सनल लोन की स्थिति
कार लोन और पर्सनल लोन ज्यादातर फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर ही दिए जाते हैं। ऐसे में अगर आप इन्हें तय समय से पहले खत्म करना चाहते हैं, तो बैंक आपसे प्रीपेमेंट के नाम पर पेनल्टी वसूल सकते हैं। कई बैंक और एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) 2% से 3% तक का शुल्क लगा देती हैं। इसलिए ऐसे लोन लेने से पहले इनकी शर्तें अच्छी तरह पढ़ लेना समझदारी होगी।
क्या RBI ग्राहकों के हित में है?
RBI ने ग्राहकों के हित में बड़ा कदम उठाया है – खासतौर से फ्लोटिंग रेट लोन को लेकर। RBI ने साफ कहा है कि फ्लोटिंग रेट वाले लोन पर कोई भी बैंक या संस्था प्रीपेमेंट चार्ज नहीं वसूल सकती। लेकिन फिक्स्ड रेट लोन पर अभी यह अनुमति है।
अगर किसी बैंक या वित्तीय संस्था ने RBI के इस नियम का उल्लंघन किया है, तो आप उनकी शिकायत सीधे RBI के पास दर्ज करा सकते हैं। लेकिन शिकायत करने से पहले अपने लोन की टर्म्स और कंडीशंस को जरूर पढ़ लें, ताकि आपको पूरा भरोसा हो कि आपने सही जानकारी के आधार पर कदम उठाया है।
प्रीपेमेंट पेनल्टी से कैसे बचें?
अगर आप लोन लेने की सोच रहे हैं, तो पहले उसकी शर्तों को बहुत ध्यान से पढ़ें। कोशिश करें कि फ्लोटिंग रेट लोन ही लें, ताकि बाद में बिना किसी पेनल्टी के उसे समय से पहले खत्म किया जा सके। इसके अलावा जब भी आप लोन प्रीपे करने का सोचें, तो पहले अपने बैंक से लिखित में पूछें कि आपको कोई पेनल्टी लगेगी या नहीं। और यह भी जान लें कि लोन खत्म करने के बाद आपकी ईएमआई और ब्याज कैलकुलेशन कैसे होगी। इससे आप किसी भी सरप्राइज से बच सकते हैं।
Disclaimer
इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से दी गई है। किसी भी वित्तीय निर्णय को लेने से पहले संबंधित बैंक या वित्तीय संस्था से लिखित में पुष्टि जरूर करें। किसी भी शर्त या नियम की अद्यतन जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट या विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक है।