हजारों शिक्षकों की सैलरी दांव पर, नही किया ये काम तो कटेगा वेतन Face Scan Attendance

By Prerna Gupta

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Face Scan Attendance

Face Scan Attendance – सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले हजारों शिक्षकों की सैलरी अब सीधे उनकी हाजिरी से जुड़ने जा रही है। शिक्षा विभाग ने तय किया है कि अब शिक्षक अपनी उपस्थिति ‘सार्थक पोर्टल’ के जरिए ऑनलाइन दर्ज करेंगे, लेकिन इस बार उपस्थिति दर्ज करने का तरीका कुछ खास होगा। आपको अब अंगूठे से प्रेशर लगाने की जरूरत नहीं, बल्कि चेहरे की पहचान से ही आपकी हाजिरी मानी जाएगी। यानी मोबाइल एप के माध्यम से फेस स्कैन कराना अनिवार्य होगा। अगर आपने ये काम नहीं किया तो आपकी सैलरी में कटौती हो सकती है। आइए विस्तार से समझते हैं क्या है ये नया सिस्टम और क्यों हो रहा है इतना सख्त इंतजाम।

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9000 शिक्षकों की उपस्थिति अब होगी ऑनलाइन

जिले में करीब 9000 सरकारी शिक्षक अब अपनी हाजिरी मोबाइल एप के जरिए दर्ज करेंगे। पुरानी किताबों या रजिस्टर में हाजिरी भरने का जमाना अब खत्म हो चुका है। इसके बदले सार्थक एप नाम की एक मोबाइल एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसमें हर शिक्षक को स्कूल पहुंचते ही अपना चेहरा स्कैन कराना होगा। इस फेस स्कैन के बाद ही उनकी उपस्थिति दर्ज होगी। यह नया तरीका विभाग की ओर से पारदर्शिता और सटीकता लाने के लिए शुरू किया गया है ताकि कोई शिक्षक स्कूल आने के बावजूद अपनी हाजिरी न भर सके।

लोकेशन भी होगी ट्रेस, बाहर से हाजिरी नहीं चलेगी

सार्थक एप में GPS आधारित लोकेशन ट्रेसिंग की सुविधा भी है। इसका मतलब ये है कि शिक्षक अपनी उपस्थिति केवल उसी जगह से दर्ज कर पाएंगे जो स्कूल की रजिस्टर्ड लोकेशन है। स्कूल के बाहर या घर से मोबाइल से हाजिरी भरने का पुराना झूठ अब काम नहीं करेगा। इससे विभाग को यकीन होगा कि शिक्षक सचमुच स्कूल पहुंचे हैं। इस वजह से कई शिक्षकों को पहले भी दिक्कत हुई थी क्योंकि वे ऑनलाइन हाजिरी भरने के दौरान लोकेशन नहीं दे पा रहे थे। अब ऐसा कोई बहाना भी नहीं चलेगा।

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सिस्टम न मानने पर कटेगा वेतन

सबसे बड़ी बात ये है कि यदि कोई शिक्षक सार्थक एप पर अपनी हाजिरी सही तरीके से दर्ज नहीं करता है तो उसकी सैलरी रोकी जा सकती है। विभाग ने साफ किया है कि उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य है और इसे नजरअंदाज करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ये एप बिना इंटरनेट के भी काम करेगा ताकि नेटवर्क की समस्या के नाम पर कोई शिक्षक अनुपस्थित न दिखे। मतलब कोई भी शिक्षक बहाना नहीं बना पाएगा कि इंटरनेट नहीं था, इसलिए हाजिरी नहीं भरी। यह कदम इस बार शिक्षा विभाग की तरफ से बेहद सख्ती से उठाया गया है ताकि स्कूलों में शिक्षक समय पर उपस्थित रहें।

जून में प्रशिक्षण के साथ ट्रायल रन, जुलाई से पूर्ण लागू

अधिकारियों के मुताबिक जून महीने में सभी शिक्षकों को इस नए ई-अटेंडेंस सिस्टम का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान इसे पायलट प्रोजेक्ट की तरह चलाया जाएगा ताकि सभी शिक्षकों को समझ आ जाए कि कैसे यह एप काम करता है। लेकिन जुलाई 2025 से ये सिस्टम पूरे जिले में पूरी तरह लागू हो जाएगा। इसका मतलब है कि जुलाई से शिक्षक जो भी अनुपस्थित रहेंगे या बिना फेस स्कैन हाजिरी भरेंगे, उनका वेतन कटेगा। इस व्यवस्था से स्कूलों में शिक्षक उपस्थिति में सुधार होगा और फर्जी हाजिरी देने वाले पूरी तरह पकड़े जाएंगे।

शिक्षकों ने जताया विरोध, लेकिन विभाग का रुख सख्त

पिछले सालों में भी शिक्षक इस तरह के डिजिटल उपस्थिति दर्ज करने वाले ऐप्स के खिलाफ विरोध करते रहे हैं। कई बार उन्होंने कहा कि ये एप्लीकेशन मोबाइल और इंटरनेट की दिक्कतों के कारण सही से काम नहीं करता या इसका इस्तेमाल करना मुश्किल है। लेकिन इस बार विभाग ने साफ कर दिया है कि प्रशासनिक पारदर्शिता और स्कूलों में शिक्षक उपस्थिति को बेहतर बनाने के लिए यह कदम जरूरी है। इसलिए सभी शिक्षकों को इसे अपनाना ही होगा। विभाग का कहना है कि वेतन कटौती जैसी सख्ती से ही शिक्षक समय पर स्कूल आएंगे और अपनी जिम्मेदारी समझेंगे।

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सार्थक एप की खासियतें

इस एप्लीकेशन की सबसे बड़ी खासियत चेहरे की पहचान पर आधारित उपस्थिति दर्ज करना है। इससे फर्जी हाजिरी के चांस बिलकुल खत्म हो जाते हैं। साथ ही GPS लोकेशन ट्रेसिंग से पता चलता है कि शिक्षक स्कूल में मौजूद हैं या नहीं। एप बिना इंटरनेट के भी काम करता है जिससे नेटवर्क की समस्या का बहाना नहीं चलेगा। और सबसे महत्वपूर्ण बात, उपस्थिति और वेतन अब सीधे जुड़े हुए हैं, इसलिए जो शिक्षक अपनी हाजिरी सही से दर्ज नहीं करेंगे उन्हें सीधे नुकसान होगा।

इस नए सिस्टम से उम्मीद की जा रही है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षक अपनी जिम्मेदारी बेहतर तरीके से निभाएंगे और स्कूल की पढ़ाई पर इसका सकारात्मक असर पड़ेगा। हालांकि शुरुआत में कुछ शिक्षकों को इसके इस्तेमाल में दिक्कत आ सकती है, लेकिन समय के साथ ये तकनीक सभी के लिए आसान हो जाएगी। ऐसे में बेहतर होगा कि शिक्षक इसे सहयोग की नजर से देखें और जल्द से जल्द नए सिस्टम को अपनाएं ताकि वेतन कटौती जैसी परेशानी का सामना न करना पड़े।

Disclaimer

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यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। सार्थक एप और Face Scan Attendance सिस्टम की विस्तृत जानकारी और विभागीय नियमों के लिए संबंधित शिक्षा विभाग या आधिकारिक वेबसाइट से संपर्क करें। किसी भी बदलाव या अपडेट की सूचना केवल आधिकारिक स्रोतों से ही प्राप्त करें।

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