Contract Employees Regularization – अगर आप या आपके परिवार में कोई संविदा (Contract) पर काम कर रहा है, तो ये खबर पढ़कर आपका दिन बन जाएगा! उत्तर प्रदेश के लाखों संविदा कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी सामने आई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा है कि जो कर्मचारी लंबे समय से संविदा पर काम कर रहे हैं, उन्हें अब स्थायी किया जाए। यानी अब हर साल कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू करवाने की टेंशन नहीं, बल्कि पक्की नौकरी और तमाम सरकारी फायदे मिल सकते हैं।
हाई कोर्ट का क्या है आदेश?
कोर्ट का कहना है कि अगर कोई कर्मचारी कई सालों से लगातार काम कर रहा है, और विभाग के लिए ज़रूरी बन गया है, तो उसे सिर्फ ‘अस्थायी’ कहकर नहीं टाला जा सकता। कोर्ट ने साफ कहा कि संविदा पर काम करने वालों को भी स्थायी कर्मचारियों जैसे ही वेतन और सुविधाएं मिलनी चाहिए। लंबे समय तक अस्थायी रखना संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 (समानता और अवसर) का उल्लंघन है।
किनको मिलेगा इस फैसले का फायदा?
इस आदेश का सबसे ज़्यादा फायदा उन लोगों को मिलेगा जो पिछले कई सालों से बिना किसी ब्रेक के संविदा पर काम कर रहे हैं और जिनका काम विभाग के लिए ज़रूरी है। मतलब अगर आप कंप्यूटर ऑपरेटर, क्लर्क, हेल्थ वर्कर, लाइनमैन या कोई भी ऐसा काम कर रहे हैं जो विभाग की रोज़ की ज़रूरत है, तो ये खबर आपके लिए है।
कौन-कौन से विभाग आएंगे दायरे में?
इस फैसले से शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत व ग्रामीण विकास, नगर निगम, बिजली विभाग और बाकी कई छोटे-बड़े सरकारी विभागों में काम करने वाले संविदा कर्मचारी प्रभावित होंगे। इसमें शिक्षक, फार्मासिस्ट, क्लर्क, सफाईकर्मी, तकनीकी स्टाफ, डाटा एंट्री ऑपरेटर जैसे कई पद शामिल हैं।
पक्की नौकरी मिलने के क्या फायदे होंगे?
भाई, सबसे पहला फायदा है – नौकरी की सुरक्षा! अब हर साल कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू का डर नहीं रहेगा। इसके अलावा सैलरी में भी बड़ा फर्क आएगा, क्योंकि आपको स्थायी कर्मचारियों जितनी तनख्वाह और सभी सरकारी फायदे मिल सकते हैं। जैसे कि EPF, ग्रेच्युटी, मेडिकल इंश्योरेंस, पेंशन, मैटरनिटी बेनिफिट, छुट्टियां, प्रमोशन और यहां तक कि ट्रांसफर के विकल्प भी खुल सकते हैं। यानी कि करियर का ग्रोथ भी होगा और मन में संतोष भी रहेगा।
कर्मचारियों में जश्न का माहौल
फैसले के बाद पूरे राज्य में संविदा कर्मचारियों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। कई कर्मचारी संघों ने इसे ऐतिहासिक और न्यायपूर्ण कदम बताया है। सालों से कम सैलरी में ज़्यादा काम कर रहे कर्मचारी अब उम्मीद कर रहे हैं कि उन्हें उनका हक मिलेगा।
कब से लागू होगा ये नियम?
फिलहाल सरकार की तरफ से कोई ऑफिशियल तारीख नहीं आई है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार ने इस पर विचार शुरू कर दिया है। हो सकता है कि एक कमेटी बनाई जाए जो पात्र कर्मचारियों की समीक्षा करेगी और उसके बाद धीरे-धीरे विभागों में इसे लागू किया जाएगा। मतलब थोड़ी देर ज़रूर है, लेकिन उम्मीद पूरी है।
हाई कोर्ट का यह फैसला संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों के जीवन में एक नई उम्मीद और स्थिरता लेकर आया है। इससे ना सिर्फ उनका भविष्य सुरक्षित होगा बल्कि उन्हें वो सम्मान भी मिलेगा जिसके वे सालों से हकदार थे। अब सबकी निगाहें राज्य सरकार पर टिकी हैं कि वो इस फैसले को कब लागू करती है और कैसे।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। संविदा कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़ी शर्तें, पात्रता और गाइडलाइन्स समय-समय पर बदल सकती हैं। किसी भी निर्णय से पहले संबंधित सरकारी विभाग या अधिकृत स्रोत से पुष्टि अवश्य करें।