CIBIL Score – CIBIL स्कोर हर बैंक ग्राहक के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। जब भी हम लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक सबसे पहले हमारा CIBIL स्कोर चेक करता है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि हमारा सिबिल स्कोर सही तरीके से अपडेट नहीं होता, जिससे हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
हाल ही में एक केस में कंज्यूमर कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाया है, जिसने ग्राहकों को काफी राहत दी है। इस फैसले से पता चलता है कि अगर आपका CIBIL स्कोर गलत तरीके से अपडेट होता है या आपकी ओर से भुगतान करने के बावजूद आपका नाम देनदार के रूप में दिखाया जाता है, तो आप इसका विरोध कर सकते हैं और कोर्ट आपकी मदद करेगा।
CIBIL स्कोर अपडेट न होने की समस्या
इस केस में बेंगलुरु की कंज्यूमर कोर्ट ने एक बैंक पर जुर्माना लगाया क्योंकि उसने अपने ग्राहक का CIBIL स्कोर सही तरीके से अपडेट नहीं किया था। मामला यह था कि एक कारोबारी ने साल 2010 में अपना क्रेडिट कार्ड बंद करवा दिया था और कार्ड का पूरा भुगतान भी कर दिया था। लेकिन बैंक ने उसकी तरफ से यह जानकारी CIBIL को सही तरीके से अपडेट नहीं की। इसका मतलब था कि उसकी क्रेडिट हिस्ट्री में अभी भी उसका नाम देनदार के तौर पर था। इससे ग्राहक को काफी परेशानी उठानी पड़ी।
बेंगलुरु कोर्ट का फैसला और जुर्माना
बेंगलुरु के अतिरिक्त उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने बैंक और उसके असाइनी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इसके साथ ही अदालत ने दोनों कंपनियों को यह भी आदेश दिया कि वे मुकदमे में खर्च हुए 3,000 रुपये ग्राहक को वापस करें। यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह स्पष्ट करता है कि बैंक और उनके असाइनी ग्राहकों का CIBIL रिकॉर्ड सही तरीके से अपडेट करने के लिए जिम्मेदार हैं। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
शिकायतकर्ता का पूरा मामला
शिकायतकर्ता वेंकटेश बाबू ने बताया कि उसने अपने क्रेडिट कार्ड का पूरा बकाया 15,500 रुपये का भुगतान कर दिया था और उसके बाद उसने बैंक से कन्फर्मेशन भी लिया था कि अब उसके ऊपर कोई बकाया नहीं है। इसके बाद भी बैंक ने उसका नाम अपने रिकॉर्ड से नहीं हटाया और उसकी बजाय शाहा फिनलीज नाम की कंपनी के साथ उसका CIBIL रिकॉर्ड अपडेट कर दिया। जब वेंकटेश को पता चला कि उसका नाम देनदार के तौर पर है, तो उसने कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई।
असाइनी कंपनी की गलत मांगें
इस मामले में शाहा फिनलीज ने वेंकटेश से नो-ड्यूज सर्टिफिकेट और CIBIL रिकॉर्ड अपडेट कराने के लिए 20 हजार रुपये से ज्यादा की मांग की। यह एक अनुचित और गैरकानूनी मांग थी, जिससे ग्राहक परेशान हुआ। उसने अदालत से न्याय की गुहार लगाई, क्योंकि उसने सारी राशि चुका दी थी, लेकिन फिर भी उसका नाम देनदार के रूप में रिकॉर्ड में था।
कंज्यूमर कोर्ट का दृष्टिकोण
कंज्यूमर कोर्ट ने पाया कि शाहा फिनलीज ने वेंकटेश को साल 2020 और 2022 में कानूनी नोटिस भेजा, जिसमें उससे 20 लाख और 33 लाख रुपये से भी ज्यादा की राशि बकाया बताई गई। यह पूरी तरह गलत था क्योंकि वेंकटेश ने पहले ही सारी राशि चुका दी थी। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया और पाया कि बैंक और उसकी असाइनी कंपनी ने ग्राहक का रिकॉर्ड सही तरीके से अपडेट नहीं किया। इसलिए अदालत ने जुर्माना लगाने के साथ ही दोनों कंपनियों को मुकदमे का खर्च भी चुकाने का आदेश दिया।
ग्राहकों के लिए बड़ा संदेश
यह फैसला उन सभी ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत है जो अपनी क्रेडिट हिस्ट्री सही रखने की कोशिश करते हैं। अगर आपका CIBIL स्कोर गलत तरीके से अपडेट नहीं होता या बैंक आपकी ओर से भुगतान होने के बाद भी आपको गलत तरीके से देनदार बताता है, तो आप कंज्यूमर कोर्ट में जाकर इसका विरोध कर सकते हैं। यह फैसला दर्शाता है कि ग्राहक भी अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएं और जरूरत पड़े तो कानूनी मदद लें।
सावधानियां और सुझाव
अपने CIBIL स्कोर को नियमित रूप से चेक करते रहना चाहिए और अगर कोई गलत जानकारी मिले तो तुरंत बैंक या क्रेडिट रिपोर्टिंग एजेंसी से संपर्क करना चाहिए। साथ ही, सभी भुगतानों का दस्तावेज संभालकर रखना भी जरूरी है ताकि किसी भी विवाद की स्थिति में आप अपने अधिकार साबित कर सकें।
डिस्क्लेमर
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसमें दी गई जानकारी कानूनी सलाह का विकल्प नहीं है। यदि आप CIBIL स्कोर या बैंकिंग से जुड़ी किसी समस्या का सामना कर रहे हैं, तो किसी योग्य वकील या वित्तीय विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें। कोर्ट के फैसले समय-समय पर बदल सकते हैं, इसलिए हमेशा ताजा जानकारी प्राप्त करना जरूरी है।