Bijli Bill News – अगर आप भी बिजली उपभोक्ता हैं तो ये खबर आपके लिए है। आने वाले महीनों में आपका बिजली बिल पहले से ज्यादा आएगा और इसकी वजह है “सुरक्षा निधि समायोजन”। बिजली कंपनियों ने तय किया है कि अब वो उपभोक्ताओं से तीन किस्तों में बढ़ी हुई राशि वसूलेंगी। इसका मतलब है कि अगले तीन महीनों तक आपके बिजली बिल में ₹250 हर महीने ज्यादा जोड़कर आएगा। ये फैसला पिछले साल बिजली खपत में लगभग 20% बढ़ोतरी के आधार पर लिया गया है।
क्या होता है सुरक्षा निधि और इसका कैसे होता है हिसाब-किताब
हर बिजली उपभोक्ता की एक “सुरक्षा निधि” यानी Security Deposit होती है। ये राशि बिजली कंपनियां इसलिए जमा कराती हैं ताकि अगर कोई उपभोक्ता बिल नहीं भरता है तो कंपनी को नुकसान न हो। आमतौर पर ये सुरक्षा निधि उपभोक्ता की 45 दिनों की औसत बिजली खपत के हिसाब से तय होती है।
अब कंपनियां पिछले 12 महीनों के बिल का विश्लेषण करके यह देखती हैं कि आपकी औसत मासिक खपत कितनी रही। फिर उस औसत खपत को मौजूदा बिजली दर यानी टैरिफ से गुणा करके मासिक औसत बिल निकाला जाता है। इसमें फिक्स चार्ज, एनर्जी चार्ज और अन्य सरकारी शुल्क भी शामिल होते हैं। जब नई गणना होती है और अगर आपकी खपत बढ़ी हुई पाई जाती है, तो उस हिसाब से सुरक्षा निधि में भी बढ़ोतरी की जाती है और वही राशि तीन किस्तों में वसूली जाती है।
आसान भाषा में समझिए पूरा गणित
मान लीजिए कि किसी उपभोक्ता की पिछले 12 महीनों की औसत मासिक खपत 200 यूनिट है। मौजूदा दर के हिसाब से 200 यूनिट का मासिक बिजली बिल लगभग ₹1500 होता है। यानी रोज़ का खर्च लगभग ₹50 हुआ। अब 45 दिन के हिसाब से ये कुल ₹2250 होता है।
अगर पहले से सुरक्षा निधि में ₹1500 जमा है तो अब बाकी ₹750 की जरूरत है। इस ₹750 को तीन महीने में बराबर बांट दिया जाएगा, यानी हर महीने के बिल में ₹250 अतिरिक्त जोड़े जाएंगे। इसलिए अगले तीन महीने तक उपभोक्ताओं को हर महीने ₹250 ज्यादा भरना पड़ेगा।
अब लगेगा यूल एंड पावर परचेज एडजस्टमेंट चार्ज भी
बिजली बिल में एक और नया बोझ जुड़ने जा रहा है। अब उपभोक्ताओं को यूल एंड पावर परचेज एडजस्टमेंट चार्ज (Fuel and Power Purchase Adjustment) भी देना होगा। यह चार्ज ऊर्जा शुल्क का 4.67 प्रतिशत होगा।
अगर आप 100 यूनिट बिजली इस्तेमाल करते हैं, तो लगभग ₹50 का अतिरिक्त बोझ सिर्फ इस चार्ज की वजह से पड़ेगा। मतलब साफ है – बढ़ती खपत और नए शुल्कों की वजह से आपके बिजली बिल में सीधा असर दिखेगा।
मानसून से पहले ही क्यों किया गया फैसला
बिजली कंपनियां ये फैसला मानसून सीजन से पहले लेती हैं ताकि बारिश के दौरान जब खपत थोड़ी कम होती है, तो उपभोक्ताओं पर ज़्यादा बोझ न पड़े। हालांकि, इस बार ये तीन किस्तें ऐसे वक्त में वसूली जाएंगी जब पंखा, कूलर और एसी चलने की वजह से बिजली की खपत पहले से ही बढ़ जाती है।
बिजली चोरी की सूचना देने पर मिलेगा इनाम
एक और अहम जानकारी ये है कि अगर कोई व्यक्ति बिजली चोरी की सूचना बिजली विभाग को देता है और वो सूचना सही पाई जाती है, तो सूचना देने वाले को प्रोत्साहन राशि के तौर पर 10 प्रतिशत इनाम मिलेगा।
इसमें से 5 प्रतिशत राशि उस व्यक्ति को तुरंत मिलेगी जब अंतिम निर्धारण आदेश जारी होगा, और बाकी 5 प्रतिशत तब मिलेगी जब पूरी वसूली हो जाएगी। ये कदम बिजली चोरी रोकने के लिए उठाया गया है ताकि ईमानदार उपभोक्ताओं पर बोझ न बढ़े।
कुल मिलाकर बिजली उपभोक्ताओं को आने वाले 3 महीनों में थोड़ा अधिक भुगतान करना होगा। सुरक्षा निधि समायोजन और पावर परचेज एडजस्टमेंट जैसे कारणों से यह वृद्धि हो रही है। अगर आपकी खपत पिछले साल के मुकाबले ज्यादा रही है, तो तय मानिए कि बिल में इसका असर दिखेगा।
Disclaimer
इस लेख में दी गई जानकारी सार्वजनिक समाचार स्रोतों और बिजली विभाग के सामान्य नियमों पर आधारित है। उपभोक्ता से अनुरोध है कि किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले स्थानीय बिजली वितरण कंपनी या अधिकृत अधिकारी से पुष्ट जानकारी प्राप्त करें। लेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी प्रदान करना है, इसे सरकारी आदेश की तरह न लें।