NCTE B.Ed Course – शिक्षक बनने की राह पर चलने वाले युवाओं के लिए अब बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने बीएड (B.Ed) कोर्स को लेकर एक अहम फैसला लिया है। अब तक चल रहा दो साल का पारंपरिक बीएड कोर्स बंद किया जा रहा है और उसकी जगह एक नया एक वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स लाया जाएगा। यह नया नियम 2025-26 के शैक्षणिक सत्र से पूरे देश में लागू हो जाएगा। यानी अब शिक्षक बनने के लिए छात्रों को एक नया रास्ता अपनाना होगा।
बीएड कोर्स में आया बड़ा बदलाव
NCTE के इस फैसले का मकसद शिक्षक बनने की प्रक्रिया को आसान, प्रभावी और व्यावहारिक बनाना है। लंबे समय से यह देखा जा रहा था कि दो वर्षीय बीएड प्रोग्राम केवल एक औपचारिकता बन कर रह गया है। छात्रों को किताबों तक सीमित रखकर उन्हें सही मायनों में स्कूल के लिए तैयार नहीं किया जा रहा था। इसी को ध्यान में रखते हुए अब एक वर्ष का नया बीएड कोर्स डिजाइन किया गया है, जो ज्यादा व्यावहारिक, तकनीकी और स्कूली अनुभव आधारित होगा।
नया कोर्स कैसा होगा?
यह नया बीएड प्रोग्राम विशेष रूप से उन छात्रों के लिए है जिन्होंने किसी भी विषय में मास्टर डिग्री हासिल कर ली है। यानी अब ग्रेजुएट छात्रों के लिए सीधे बीएड का रास्ता नहीं खुलेगा, पहले पोस्ट ग्रेजुएशन जरूरी होगी। इस कोर्स में पढ़ाई के साथ-साथ इंटर्नशिप, बाल विकास, मूल्य शिक्षा, तकनीकी टूल्स और नई शिक्षण विधियों को प्रमुखता दी जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि जब छात्र कोर्स पूरा करें, तो वो एक प्रशिक्षित और आत्मविश्वास से भरा शिक्षक बनकर स्कूल में कदम रख सके।
इस फैसले के पीछे की सोच क्या है?
NCTE और शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि भारत को योग्य और प्रोफेशनल शिक्षकों की जरूरत है, जो केवल किताबी ज्ञान में नहीं, बल्कि असल क्लासरूम में भी निपुण हों। अभी तक जो दो वर्षीय बीएड कोर्स था, उसमें ज्यादातर कॉलेज केवल पढ़ाई करवा देते थे, लेकिन प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और इंटर्नशिप को हल्के में लिया जाता था। इसके चलते छात्र डिग्री तो ले लेते थे, लेकिन क्लास में पढ़ाने का अनुभव नहीं होता था। अब यह सब बदलेगा, और नए कोर्स से ऐसे शिक्षक तैयार होंगे जो वाकई में बच्चों को बेहतर दिशा दे सकें।
कब से लागू होगा नया कोर्स?
यह नया इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स 2025-26 के शैक्षणिक सत्र से शुरू होगा। देशभर के शिक्षण संस्थानों को इसे लागू करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। जो छात्र पहले से ही दो वर्षीय बीएड कोर्स में नामांकित हैं, वे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे। लेकिन नए दाखिलों के लिए अब केवल एक वर्षीय कोर्स ही मान्य रहेगा। यानी नए छात्रों के लिए अब शिक्षक बनने की दिशा में यह नया रास्ता ही खुलेगा।
इस बदलाव का क्या असर पड़ेगा?
इस बदलाव से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि छात्रों को कम समय में ज्यादा बेहतर प्रशिक्षण मिलेगा। उन्हें नए जमाने की तकनीकों से पढ़ाने की ट्रेनिंग मिलेगी और साथ ही उन्हें स्कूलों में जाकर पढ़ाने का असली अनुभव भी मिलेगा। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि स्कूलों को भी ऐसे शिक्षक मिलेंगे जो वास्तव में बच्चों को सही तरीके से पढ़ा सकें। साथ ही कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज को भी अपने सिलेबस में बदलाव करना पड़ेगा ताकि नया कोर्स प्रभावी ढंग से पढ़ाया जा सके।
जो लोग शिक्षक बनना चाहते हैं, उनके लिए क्या जरूरी होगा?
अब अगर आप शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं, तो पहले किसी भी विषय में मास्टर डिग्री पूरी करनी होगी। उसके बाद आप इस एक वर्षीय बीएड कोर्स में एडमिशन ले सकेंगे। यह कोर्स आपको सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रखेगा, बल्कि आपको एक प्रैक्टिकल और पेशेवर शिक्षक बनाएगा। इसलिए अगर आप इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो अभी से योजना बनाएं और मास्टर डिग्री की तैयारी शुरू कर दें।
Disclaimer
NCTE द्वारा लाया गया यह बदलाव शिक्षा व्यवस्था की दिशा बदल सकता है। एक वर्षीय बीएड कोर्स न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि इससे छात्र ज्यादा दक्ष बनेंगे। अब शिक्षक बनने की तैयारी भी पहले से ज्यादा प्रोफेशनल और सटीक हो जाएगी। यदि आप इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो सही समय पर जानकारी लेकर, अच्छे संस्थान से एडमिशन लेकर इस नए कोर्स का लाभ उठाएं।
Disclaimer
यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है और इसका उद्देश्य पाठकों को शिक्षा से जुड़े नए बदलावों की जानकारी देना है। किसी भी कोर्स में एडमिशन लेने से पहले संबंधित संस्थान या सरकारी अधिसूचना की पुष्टि अवश्य करें। नियमों में समय-समय पर बदलाव संभव है।