Govt School Holidays – इन दिनों देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी का कहर जारी है। तापमान लगातार 40 डिग्री से ऊपर बना हुआ है, और ऐसे में बच्चों के लिए राहत की खबर आई है। सरकार ने स्कूलों की गर्मी की छुट्टियां बढ़ा दी हैं। खासकर उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में तापमान 44 डिग्री तक पहुंच चुका है, जिसे देखते हुए शासन ने कक्षा 8 तक के सभी स्कूलों में ग्रीष्मावकाश को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। इस फैसले से जहां बच्चों में खुशी की लहर है, वहीं शिक्षकों की चिंता थोड़ी बढ़ गई है।
अब 1 जुलाई से स्कूल जाएंगे बच्चे
सरकार के नए आदेश के अनुसार अब बच्चे 1 जुलाई 2025 से स्कूल जाएंगे। यानी जो छुट्टियां पहले खत्म हो रही थीं, उन्हें 15 दिन और बढ़ा दिया गया है। उत्तर प्रदेश के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में यह निर्देश सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भेज दिए गए हैं। हालांकि यह छुट्टियों में बढ़ोतरी केवल छात्र-छात्राओं के लिए है, शिक्षक वर्ग को 16 जून से समय पर विद्यालय पहुंचकर बाकी प्रशासनिक कार्यों को पूरा करना होगा।
टीचर्स को बुलाया स्कूल, उठी नाराजगी की आवाज़
इस बार ग्रीष्मावकाश तो बच्चों को मिला है, लेकिन शिक्षकों को इससे कोई राहत नहीं मिली। शिक्षकों को 16 जून से स्कूल आना अनिवार्य कर दिया गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संगीता सिंह ने जानकारी दी कि सभी शिक्षक विद्यालय समय पर पहुंचेंगे और प्रशासनिक कार्यों को निपटाएंगे। यानी बच्चों की छुट्टियां तो जारी रहेंगी लेकिन शिक्षक अब स्कूल में नियमित रूप से उपस्थित रहेंगे।
इस निर्णय को लेकर शिक्षकों में नाराजगी है। उनका कहना है कि जब सरकार खुद एडवाइजरी जारी कर रही है कि गर्मी से बचाव जरूरी है और घर में रहने की सलाह दी जा रही है, तो फिर ऐसे मौसम में बिना छात्रों के स्कूल बुलाना शिक्षकों की सेहत पर असर डाल सकता है। कुछ शिक्षकों ने तो इस मुद्दे को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की मांग भी कर डाली है। उनका तर्क है कि विद्यालयों में पंखे और ठंडी व्यवस्था भी ठीक से नहीं होती, जिससे ऐसे मौसम में काम करना मुश्किल हो जाता है।
छुट्टियों का फायदा बच्चों को ही क्यों?
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब तापमान से बच्चों की तबीयत बिगड़ सकती है, तो वही खतरा शिक्षकों के लिए क्यों नहीं है? शिक्षक संगठनों का कहना है कि अगर स्कूलों को पूरी तरह बंद रखा जाए और शिक्षकों को भी कुछ दिन का आराम मिले तो बेहतर रहेगा। खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां संसाधन सीमित होते हैं, वहां शिक्षकों को काफी मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं। वहीं सरकार का पक्ष है कि पढ़ाई का दबाव कम करने और नए सत्र की तैयारियों के लिए शिक्षकों को समय से पहले बुलाया गया है।
छात्रों के लिए गर्मी बनी राहत का बहाना
वहीं दूसरी ओर छात्रों के लिए यह गर्मी किसी तोहफे से कम नहीं। बच्चों में खुशी का माहौल है क्योंकि छुट्टियां अब सीधे जुलाई तक मिल गई हैं। खेल, मौज-मस्ती और आराम का समय बच्चों को और मिल गया है। पैरेंट्स भी काफी राहत महसूस कर रहे हैं क्योंकि बच्चों को इतनी भयंकर गर्मी में स्कूल भेजने की चिंता से कुछ दिन और छुट्टी मिल गई है।
स्कूल खुले लेकिन बच्चे नहीं जाएंगे
सरकार के आदेश के अनुसार 16 जून से स्कूल खुले रहेंगे लेकिन केवल शिक्षकों के लिए। बच्चों की उपस्थिति आवश्यक नहीं होगी। यानी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होगी, लेकिन शिक्षकों को समय से स्कूल पहुंचकर जरूरी तैयारियां और कागजी काम निपटाने होंगे। यह व्यवस्था इसलिए लागू की गई है ताकि नया सत्र जब 1 जुलाई से शुरू हो तो सभी स्कूलों में व्यवस्थाएं दुरुस्त मिलें।
शिक्षकों की मांग और सरकार का जवाब
शिक्षक संगठनों ने सरकार से अपील की है कि जब तक मौसम सामान्य नहीं होता तब तक उन्हें भी राहत दी जाए। उनका कहना है कि डिजिटल माध्यम से भी प्रशासनिक कार्य किए जा सकते हैं, और स्कूलों में अनावश्यक बैठने की बजाय घर से भी तैयारी संभव है। हालांकि अब देखना यह होगा कि सरकार इस मांग पर कोई विचार करती है या नहीं।
डिस्क्लेमर
यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है और इसमें उल्लेखित तथ्यों का उद्देश्य केवल पाठकों को सूचना प्रदान करना है। सरकारी आदेशों, शिक्षकों की भागीदारी और छुट्टियों की अवधि से संबंधित अंतिम निर्णय संबंधित शैक्षणिक बोर्ड या राज्य सरकार द्वारा लिए जाते हैं। किसी भी प्रकार की स्कूल-सम्बंधित जानकारी के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन को जरूर देखें।