10 साल पुराने खातों पर RBI का बड़ा फैसला! जानिए नया नियम RBI New Rules

By Prerna Gupta

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RBI New Rules

RBI New Rules – अगर आपके पास भी ऐसा बैंक अकाउंट है जिसे आपने सालों से इस्तेमाल नहीं किया है, तो ये खबर आपके लिए है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में 10 साल से ज्यादा समय से निष्क्रिय पड़े बचत और चालू खातों को लेकर कुछ अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन नए नियमों से उन खाताधारकों को बहुत राहत मिलेगी जो लंबे समय से अपने पुराने अकाउंट को भूल चुके थे या किसी कारणवश इस्तेमाल नहीं कर पाए थे। RBI का यह फैसला ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे लोग आसानी से अपने पैसे का दावा कर सकें और बैंकिंग व्यवस्था में पारदर्शिता भी बनी रहे।

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अब KYC अपडेट करना होगा आसान

नए नियमों के अनुसार अब ऐसे पुराने और निष्क्रिय खातों को फिर से एक्टिव करने के लिए बैंकों को ग्राहकों को सरल और सुविधाजनक तरीके से केवाईसी अपडेट की सुविधा देनी होगी। अब इस प्रक्रिया को डिजिटल और आसान बना दिया गया है ताकि लोगों को बार-बार बैंक की शाखा में न जाना पड़े। यह कदम खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो काम-काज या स्थान परिवर्तन के चलते अपने पुराने अकाउंट को भूल चुके थे। अब वे आसानी से अपना KYC पूरा करके अपने खाते को दोबारा एक्टिव कर सकते हैं।

वीडियो KYC से होगा काम और भी आसान

RBI ने इस बार डिजिटल प्रक्रिया को बढ़ावा देते हुए वीडियो KYC की सुविधा भी लागू कर दी है। यानी अब आप घर बैठे ही मोबाइल या कंप्यूटर के जरिए अपना केवाईसी प्रोसेस पूरा कर सकते हैं। इससे ना सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि बार-बार बैंक जाने की झंझट से भी छुटकारा मिलेगा। यह खासकर बुजुर्गों, दिव्यांगजनों और व्यस्त लोगों के लिए काफी सुविधाजनक रहेगा। RBI की यह पहल डिजिटल इंडिया की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।

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ग्रामीण क्षेत्रों में काम आएंगे बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट

ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए RBI ने एक और सहूलियत दी है। अब बैंकों को यह अनुमति दी गई है कि वे बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट यानी बैंक प्रतिनिधियों के जरिए केवाईसी अपडेट कर सकें। इससे गांवों में रहने वाले लोग भी अपने घर के पास ही यह काम कर पाएंगे और शहर के बैंक ब्रांच तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे बैंकिंग सेवाएं अधिक लोगों तक पहुंचेंगी और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।

निष्क्रिय खाता क्या होता है?

बैंकिंग नियमों के अनुसार, यदि किसी खाते में लगातार 10 साल तक कोई लेन-देन नहीं होता, न कोई पैसा जमा होता है और न निकाला जाता है, तो उस खाते को निष्क्रिय यानी Inoperative माना जाता है। ऐसे खातों में पड़ी रकम को अनक्लेम्ड डिपॉजिट कहा जाता है। ये स्थिति तब आती है जब लोग अकाउंट के बारे में भूल जाते हैं या उनकी मृत्यु के बाद परिवारवालों को अकाउंट की जानकारी नहीं होती।

क्या होता है DEA फंड?

जब किसी निष्क्रिय खाते की राशि 10 साल तक नहीं क्लेम की जाती है, तो बैंक उस पैसे को ‘डिपॉजिट एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड’ यानी DEA Fund में ट्रांसफर कर देता है। यह फंड RBI के तहत संचालित होता है और इसका इस्तेमाल वित्तीय शिक्षा और जमाकर्ताओं की जागरूकता के लिए किया जाता है। लेकिन घबराइए नहीं – पैसा भले ही फंड में चला जाए, वह आपका ही रहता है। जब भी कोई व्यक्ति उस खाते का दावा करता है, बैंक पैसा ब्याज समेत वापस कर देता है।

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ग्राहकों को मिलेंगे कई फायदे

इन नए नियमों से ग्राहकों को सीधे तौर पर कई फायदे होंगे। सबसे पहले तो पुराने खातों को फिर से चालू करना अब आसान हो गया है। डिजिटल KYC और वीडियो KYC से अब बैंक की लंबी लाइनों में खड़ा नहीं होना पड़ेगा। इससे समय की बचत होगी और झंझट भी कम होगा। वहीं, ग्रामीण इलाकों में रहने वालों को बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट्स के जरिए घर के पास ही सुविधा मिलेगी, जिससे उन्हें शहरों में नहीं भागना पड़ेगा। ये सब सुविधाएं विशेष रूप से उन लोगों के लिए राहत लेकर आई हैं जो टेक्नोलॉजी से ज्यादा जुड़े नहीं हैं या दूरदराज में रहते हैं।

बैंकों की जिम्मेदारियां भी बढ़ीं

RBI के नए नियमों के बाद अब बैंकों पर भी जिम्मेदारी है कि वे निष्क्रिय खातों की जानकारी समय-समय पर ग्राहकों को दें। उन्हें ग्राहकों को जागरूक करना होगा कि वे कैसे अपने पुराने अकाउंट को फिर से एक्टिव कर सकते हैं। साथ ही बैंक को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वीडियो KYC और बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट की सुविधाएं सभी ग्राहकों को मिलें और इसमें कोई भेदभाव न हो। इसके अलावा, अब बैंकों को अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी निष्क्रिय खातों की जानकारी उपलब्ध करानी होगी ताकि लोग ऑनलाइन जाकर भी अपने खाते की स्थिति जान सकें।

आगे क्या हो सकता है बदलाव?

RBI के ये कदम बैंकिंग सिस्टम को और ज्यादा डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम प्रयास हैं। आने वाले समय में संभव है कि निष्क्रिय खाते की समयसीमा को 10 साल से कम किया जाए या प्रक्रिया को और भी आसान बनाया जाए। RBI समय-समय पर नियमों की समीक्षा करता है, इसलिए भविष्य में और भी बदलाव संभव हैं जो ग्राहकों के लिए सुविधाजनक साबित होंगे।

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Disclaimer

यह लेख आरबीआई द्वारा जारी हालिया दिशानिर्देशों पर आधारित है। बैंकिंग से जुड़ी नीतियां समय के साथ बदल सकती हैं, इसलिए निष्क्रिय खाते को सक्रिय करने से पहले अपने संबंधित बैंक से पूरी और ताज़ा जानकारी जरूर प्राप्त करें। आपकी व्यक्तिगत स्थिति के अनुसार प्रक्रिया में थोड़ा बदलाव संभव है।

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