जानिए सुप्रीम कोर्ट का नया नियम – किराएदार भी बन सकता है मालिक! Supreme Court

By Prerna Gupta

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Supreme Court Decision

Supreme Court – सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया है जो हर प्रॉपर्टी ओनर को झकझोर कर रख देगा। अब अगर कोई शख्स आपकी निजी जमीन या मकान पर लगातार 12 साल तक रह रहा है और आपने इस दौरान कोई आपत्ति नहीं जताई, तो वो व्यक्ति उस संपत्ति पर मालिकाना हक मांग सकता है। ये नियम सिर्फ निजी प्रॉपर्टी पर लागू होगा, सरकारी जमीनों पर नहीं।

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कब किराएदार मांग सकता है मालिकाना हक?

कोई भी किराएदार तभी मालिक बनने का दावा कर सकता है जब वो बिना किसी रुकावट के लगातार 12 साल तक उस प्रॉपर्टी पर रह चुका हो। बीच में अगर एक दिन भी कब्जा टूटा, तो ये नियम लागू नहीं होगा। साथ ही, इस दौरान प्रॉपर्टी ओनर ने कोई विरोध नहीं किया होना चाहिए – ना कोर्ट केस, ना नोटिस, ना पुलिस रिपोर्ट।

किराएदार को यह भी साबित करना होगा कि वह संपत्ति का इस्तेमाल कर रहा था। जैसे बिजली-पानी के बिल उसके नाम पर हो, या दूसरे डॉक्यूमेंट जिनसे पता चले कि वह जगह वाकई उसके कब्जे में थी।

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मकान मालिकों के लिए जरूरी अलर्ट

अब अगर आप मकान या जमीन किसी को किराए पर दे रहे हैं, तो बस मुंहज़बानी बातों से काम नहीं चलेगा। लिखित एग्रीमेंट ज़रूरी है। उसमें किराएदार की डिटेल्स, किराए की राशि, कब तक रहेगा – ये सब कुछ क्लियर होना चाहिए।

इसके अलावा, अपनी प्रॉपर्टी पर समय-समय पर विजिट करते रहें। अगर आपको किसी भी गतिविधि पर शक हो – जैसे किराएदार बिना इजाज़त के रिनोवेशन करा रहा हो, या प्रॉपर्टी में रहने के अलावा कुछ और कर रहा हो – तो फौरन लीगल सलाह लें।

कानून क्या कहता है?

भारतीय कानून में ऐसे मामलों को “Adverse Possession” कहा जाता है, जिसका मतलब है – अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक किसी जमीन पर लगातार कब्जा करके बैठा हो और असली मालिक ने कोई ऐतराज ना किया हो, तो वो शख्स खुद को मालिक कह सकता है।

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ऐसे मामलों में IPC की कुछ धाराएं मददगार साबित हो सकती हैं, जैसे:

  • धारा 406 – किसी के विश्वास का दुरुपयोग कर कब्जा करने पर कार्रवाई हो सकती है।
  • धारा 467 – फर्जी कागज़ात बनाकर कब्जा करने की कोशिश एक बड़ा अपराध है।
  • धारा 420 – अगर कोई झूठ बोलकर या धोखा देकर प्रॉपर्टी पर कब्जा करता है, तो उस पर भी केस बन सकता है।

क्या करना चाहिए प्रॉपर्टी सेफ रखने के लिए?

अपनी संपत्ति से जुड़ा हर दस्तावेज संभालकर रखें। किराए पर देने से पहले रेंट एग्रीमेंट बनवाएं और उसे नोटरी या रजिस्ट्री कराना बेहतर रहेगा। किराए की रिसीट्स और अन्य लेन-देन का रिकॉर्ड रखें।

अगर आपकी प्रॉपर्टी खाली पड़ी है, तो उस पर समय-समय पर विज़िट करते रहें, वरना कोई भी उस पर दावा कर सकता है। और हाँ, अगर किसी ने आपकी जमीन पर गलत तरीके से कब्जा कर लिया है, तो समय बर्बाद ना करें – तुरंत वकील से सलाह लेकर केस दर्ज कराएं।

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Disclaimer

यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी संपत्ति या कानूनी निर्णय से पहले एक प्रोफेशनल वकील से सलाह लेना ज़रूरी है। इस लेख में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले उसकी पुष्टि आधिकारिक स्रोतों से करें।

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